सोमवार, 7 जनवरी 2013

दामिनी को श्रद्धांजलि ...एक प्रयास...

तितरम मोड़ पर पर्चा बांटते और पर्चे को पढ़ते साथी ...













































अब वक़्त आ गया है जब हमें स्त्री और लड़कियों के लिए रहने लायक समाज को बनाने के लिए लगातार-
लगातार प्रयासरत रहना पड़ेगा.....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें