सोमवार, 8 अक्तूबर 2012

ये क्या हो रहा है


                     ये क्या हो रहा है

      पिछले कुछ  हफ्ते हरियाना में बेहद तनावपूर्ण रहे हैं ... लगातार बढ़ती छेड़खानी की घटनाएं,बलात्कार...पीड़ित लड़की का आत्मदाह ,पिता द्वारा शर्म से आत्महत्या...और साथ ही अलग अलग जगहों पर लोगों का, खासकर,महिलाओं का इसके विरोध में सड़कों पर उतर आना. शहरों में मोमबत्ती मार्च से लेकर गांव की औरतों का लाठियों के साथ गाँव की सड़कों पर गुस्से का प्रदर्शन ... बढ़ती बालात्कार की घटनाएं,और उनका संगठित विरोध.. ये दोनों ही हरियाणा के लिए नयी परिघटना है. यहाँ पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से आर्थिक विकास हुआ है. सेज के नाम पर ज़मीने ली गयी हैं,लाखों रुपये जितनी तेज़ी से किसानों के पास आये,उतनी ही तेज़ी से उड़ भी गए. लाखों बेरोजगार हैं और विषम लिंगानुपात के कारण अविवाहित नौजवानों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ी है.. जातिगत राजनीती भी तल्ख़ हो गयी. दलित-जाट सम्बन्ध बेहद तनावपूर्ण हो रहें हैं.
      पिछले दिनों बलात्कार की ज़्यादातर घटनाएँ दलित लड़कियों के साथ घटीं . ये घटनाएं पुलिस और कानून से कम तो की जा सकतीं हैं,खत्म नही की जा सकतीं. जब तक महिलाओं के बारे में मध्ययुगीन सोच मौजूद रहेगी,जातिगत राजनीति मौजूद रहेगी,समाज का ताना-बाना पुरानी तरह का बना रहेगा जिसमें लड़कियाँ निरीह मानी जाती रहेंगीं और जब तक पुरजोर विरोध नहीं होगा, इन घटनाओं को  कम नहीं किया जा सकता.
      कैथल में छेड़खानी के खिलाफ अखबारों ने भी अभियान छेड़ रखा है. पुलिस सक्रिय हुई है. लेकिन अब समय आ गया है कि हम लड़कियों और औरतों के विषय में नए तरह से सोचना शुरू करें. उन्हें पढाएं,आर्थिक रूप से आज़ाद होने दें,पितृवादी सोच बदलें..विवाह संबंधी सोच बदलें...सम्भव इन घटनाओं का विरोध करता है,इसके खिलाफ संघर्ष कर रहे लोगों का समर्थन करता है,और शीघ्र ही कैथल में संगठित विरोध और प्रदर्शन का आयोजन  करने वाला है. इस विरोध में कैथलवासियों का समर्थन ज़रूरी है. हमें उम्मीद है आप सभी का सहयोग मिलेगा.

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