मंगलवार, 11 सितंबर 2012

ममता सौदा-आसमान छूने को बेताब बेटी कैथल की


सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी को फतह करने का ख्वाब देखने वाली ममता सौदा, कैथल की बेटी हैं. कैथल, जहां पहाडियां तो दूर की बात है ऊंचाई के नाम पर कुछ पुराने टीले मौजूद हैं या फिर कुछ तलाई बाज़ार की ऊँची-नीची सड़क या थोड़ी ऊँचाई पर बसा पुराना कैथल शहर,एक ऐसा शहर जहां पर्वतारोहण का कोई इतिहास नहीं मौजूद है, ममता सौदा एक के बाद एक लगातार चोटियाँ फतह करती जा रहीं हैं. ममता ने 22 मई, 2012 को विश्व की सबसे ऊंची चोटी, माउन्ट एवेरेस्ट फतह कर अपने अभियान की शुरुआत की थी. उसके पहले वह कई और ऊँचाईयों को भी फतह कर चुकी थीं. 20 जून 2012 को अफ्रीका के किलिमंजारो चोटी को उन्होंने फतह किया. इसी माह, एक सितम्बर को रूस की सबसे ऊंची चोटी माउन्ट एल्ब्रस पर उन्होंने झंडा फहराया. अपने शहर में लौटने पर ममता का ज़ोरदार स्वागत किया गया.*
 ममता ने साबित कर दिया है कि लड़कियां शारीरिक रूप से कमजोर नहीं होतीं. लड़कियों को अगर सही खान – पान मिले, सही प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन मिले, उनके परिवार और समाज का समर्थन मिले और सबसे बड़ी बात की उनपर भरोसा किया जाए, तो वे आसमान भी छू सकती हैं. पर्वतारोहण जैसे बेहद कठिन, अत्यधिक शारीरिक मेहनत वाले, निहायत धैर्य और जोखिम भरे कैरियर में तीन चोटियाँ फतह करने के बाद, भी ममता का हौसला बुलंद है. हरियाणा जैसे राज्य जहां बेटियों की भयंकर दुर्दशा है, ममता हम सबके लिए रोशनी बन कर आयी हैं. बाज़ार और पूंजी के सेवक जब लड़कियों को “मिस वर्ल्ड” बनने के सपने दिखा रहें हैं, ऐसे में ममता लड़कियों और हम सबके लिए बेहतरीन आदर्श हैं. माउंट एल्ब्रेस फतह कर लौटने पर “कैथलनामा” ममता, और उनके परिवार को सलाम करता है और भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है.

* (बॉक्स न्यूज़-दैनिक भास्कर के सौजन्य से )

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