सोमवार, 10 सितंबर 2012

पंजाबी लोक गीत-किकली कलीर दी

इस दौड़ते-भागते मिक्सिंग और फ्यूजन के दौर में हमारे परंपरागत लोकगीत कहीं लुप्त होते जा रहें है. कैथलनामा का प्रयास रहेगा कि हमारी मिट्टी से जुड़े और लोकजीवन से उपजे गीतों, कविताओं, मुहावरों, पहेलियों को समय-समय पर अपने पाठकों के लिए प्रस्तुत किया जाये. इस कड़ी में आज सबसे पहले प्रस्तुत है ताहिरा सैयद की आवाज में पंजाबी लोकगीत किकली कलीर दी...(सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक के प्ले बटन पर क्लिक करें, अगर आपका कनेक्शन स्लो है तो बफर होने में कुछ क्षण लग सकते हैं, प्रतीक्षा करें)

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