कैथलनामा 'सम्भव' द्वारा संचालित साँझा मंच है. कैथल को सन्दर्भ में रखकर स्थानीय एवं मौखिक इतिहास,सांझी संस्कृति और साहित्य पर व्यापक विमर्श का यह एक छोटा सा प्रयास है.साथ ही हमारी कोशिश रहेगी कि आम नागरिकों की समस्याओं के समाधान की दिशा में कुछ सार्थक प्रयास भी कियें जाएँ.बुद्धिजीवियो,सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, मीडियाकर्मियों,विद्यार्थियों और जागरूक नागरिकों के सहयोग से इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है..ऐसी हमारी उम्मीद है.
बुधवार, 26 सितंबर 2012
किस्सा भगत सिंह-(ऑडियो)-हरियाणवी-भाग चार (अंतिम)
प्रस्तुत है भगत सिंह के किस्से की अंतिम कड़ी.(भगत सिंह - जन्मदिन 27 सितम्बर पर विशेष)
शहीदों की चिताओं पर लगेगें हर बरस मेले,
वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशान होगा.इन्कलाब जिंदाबाद.
भगत सिंह ने मन्ने मिला दो
तन का करदे ढेर
इस कारण कुनबा सारा
सौ सौ पड़े मुसीबत
तेरी रजा में रजा
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें