कैथलनामा 'सम्भव' द्वारा संचालित साँझा मंच है. कैथल को सन्दर्भ में रखकर स्थानीय एवं मौखिक इतिहास,सांझी संस्कृति और साहित्य पर व्यापक विमर्श का यह एक छोटा सा प्रयास है.साथ ही हमारी कोशिश रहेगी कि आम नागरिकों की समस्याओं के समाधान की दिशा में कुछ सार्थक प्रयास भी कियें जाएँ.बुद्धिजीवियो,सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, मीडियाकर्मियों,विद्यार्थियों और जागरूक नागरिकों के सहयोग से इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है..ऐसी हमारी उम्मीद है.
गुरुवार, 6 सितंबर 2012
गजल-गुलाम अली
ये है कैथल रेडियोनामा. इस रेडियो के माध्यम से आप रोज-रोज कुछ नया सुन पायेंगे. गीत-संगीत, कविता-कहानी, कही-अनकही,गप-शप,और रूबरू भी हो सकेंगे शहर की अलग-अलग आवाजों से. आज इस फीचर में सबसे पहले सुनिए गुलाम अली को ...'हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह, सिर्फ एक बार मुलाकात का मौका दे दे'
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